Shodashi No Further a Mystery

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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥

The Devas then prayed to her to damage Bhandasura and restore Dharma. She is considered to obtain fought the mom of all battles with Bhandasura – some scholars are on the view that Bhandasura took many sorts and Devi appeared in different varieties to annihilate him. Lastly, she killed Bhandasura Together with the Kameshwarastra.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥

यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।

read more The selection of mantra variety isn't just a matter of preference but reflects the devotee's spiritual ambitions and the character of their devotion. It is a nuanced aspect of worship that aligns the practitioner's intentions With all the divine energies of Goddess Lalita.

वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।

श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

Goddess also has the identify of Adi Mahavidya, which suggests the complete Variation of truth. In Vedic mantras, she's referred to as the Goddess who sparkles with the beautiful and pure rays with the Sunshine.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥११॥

भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।

यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।

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